शिक्षा से ही सुधरेगा विमुक्त एवं घुमंतू जनजातियों का सामाजिक – आर्थिक परिदृश्य : डॉ. के. बालराजु

प्रयागराज-

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के प्रयागराज क्षेत्रीय केंद्र पर समाजकार्य विभाग के तत्वावधान में ‘विमुक्त एवं घुमंतू जनजातियों का सामाजिक – आर्थिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्य’ विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के महात्मा गांधी फ्यूजी गुरुजी सामाजिक कार्य अध्ययन केंद्र के सह–आचार्य डॉ के.बालराजु मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज के अकादमिक निदेशक और हिंदी साहित्य के आचार्य अखिलेश कुमार दुबे ने किया। इस अवसर पर  बालराजु ने कहा कि,आज जब देश स्वतंत्रता का अमृत उत्सव मना रहा है ऐसे में ‘विमुक्त एवं घुमंतू जनजाति’ स्वतंत्रता के अमृत से वंचित है। सन् 1857 की क्रांति में अंग्रेज़ों से जमकर लोहा लेने वाली विमुक्त एवं घुमंतू जनजाति आज भी घर, शिक्षा , स्वास्थ्य जैसी आधारभूत सुविधाओं से वंचित हैं। देश की कुल आबादी का करीबन 06 फीसदी होते हुए भी पिछले सात दशक से इन समुदायों की अनदेखी होती रही है।

विश्वविद्यालय का प्रयागराज क्षेत्रीय केंद्र इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल कर सकता है

 

धीरे-धीरे ही सही आज इन समुदायों पर विमर्श हो रहा है। एक शैक्षिक संस्थान की यह जिम्मेदारी है कि संस्थान के स्तर पर इन समुदायों को मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जाए। विश्वविद्यालय का प्रयागराज क्षेत्रीय केंद्र इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल कर सकता है। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज की सह–आचार्य डॉ. अवंतिका शुक्ला ने किया। धन्यवाद ज्ञापन क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज की सह–आचार्य डॉ. आशा मिश्रा ने किया। कार्यक्रम का संचालन जोगदंड शिवाजी ने और अतिथियों का परिचय डॉ. श्याम सिंह ने दिया। इस अवसर पर विश्विविद्यालय के प्रयागराज क्षेत्रीय केंद्र के समस्त अध्यापकगण, शोधार्थी ,विद्यार्थी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

■(न्यूज़ ऑफ इंडिया न्यूज एजेंसी

By Ram

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