बारिश तेज होने की वजह से 2 साल की बच्ची समेत 8 लोग नाले में गिरे
उत्तराखंड और नेपाल के पहाड़ों पर बारिश से उत्तर प्रदेश की नदियां और नाले उफनाने लगे हैं। हमीरपुर में एक बोलेरे पड़वाहर नाले के ऊपर बह रहे पानी के बहाव में बहने लगी। बोलेरो में सवार 2 साल की बच्ची समेत 8 लोग किसी तरह गाड़ी का गेट तोड़कर बाहर निकल आए, लेकिन तीन साल की बच्चा नाले में बह गया। अभी उसका कुछ पता नहीं चल सका है।
गाड़ी में सवार परिवार एक महिला का इलाज कराकर घर लौट रहा था बारिश की तेज होने की वजह से बह गए वही वाराणसी में 84 घाटों का संपर्क टूट गया है और मथुरा में बुधवार की देर रात तेज बारिश हुई। सड़क पर जलभराव हो गया। कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए हैं। कानपुर में गंगा बैराज के सभी 30 गेट खोल दिए गए हैं। कानपुर के अपस्ट्रीम में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से 33 सेमी. दूर हैं। चेतावनी बिंदु 113 मीटर पर है।
लखनऊ, कानपुर-प्रयागराज समेत 22 जिलों में बारिश का अलर्ट है
गुरुवार को लखनऊ, कानपुर-प्रयागराज समेत 22 जिलों में बारिश का अलर्ट है। बीते 24 घंटे में 7.2 मिलीमीटर बारिश हुई है।बीते 24 घंटे के अंदर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1.1 मिलीमीटर बारिश हुई है। फिलहाल गुरुवार को राजधानी लखनऊ का मौसम साफ रहेगा। नमी बढ़ने के कारण बारिश हो सकती है। मानसून शुरू से अब तक 147.6 MM बारिश हुई।
यह अनुमान से 48% कम है। सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि कानपुर, बलिया, आगरा, बरेली, इटावा, हरदोई, वाराणसी में बारिश हुई है।मौसम विभाग के अनुसार, मानसून शुरू होने से अब तक 52% कम बारिश उत्तर प्रदेश में हुई है।
मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी करते हुए बिजली की गरज चमक के बीच 40 किलोमीटर प्रति घंटे की हवाएं चलने की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने बताया लखनऊ, कानपुर नगर, कानपुर देहात, मिर्जापुर, सोनभद्र, प्रयागराज, रामपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, अंबेडकर नगर में बारिश होगी।
कानपुर में गंगा बैराज के सभी 30 गेट को खोल दिए गए हैं
उन्नाव, जालौन, इटावा, औरैया, फिरोजाबाद, अलीगढ़, चंदौली, बलिया और मऊ मामूली बारिश होगी।पहाड़ों के साथ मैदानी इलाकों में शुरू हुई मूसलाधार बारिश में गंगा का जलस्तर लगातार चढ़ने लगा है। बहाव को नियंत्रित करने के लिए कानपुर में गंगा बैराज के सभी 30 गेट को खोल दिया गया है। इससे प्रयागराज और वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर चढ़ने लगा है। कानपुर के अपस्ट्रीम में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से 33 सेमी. दूर हैं। चेतावनी बिंदु 113 मीटर पर है।
हालांकि, अभी बाढ़ की संभावना नहीं है।मौसम विज्ञानी डॉ. पांडेय ने बताया कि बिजली गिरने की एडवाइजरी को लेकर बताया कि बारिश में पेड़ के नीचे खड़ा होना सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। वे बिजली को अपनी ओर खींचते हैं। आस-पास एक-दो पेड़ हैं, तो खुले मैदान में ही कहीं झुककर बैठ जाना सबसे बेहतर है। जानवरों को भी पेड़ के नीचे न खड़ा करें।