माधव ड्रग हाउस को कोर्ट से मिली क्लीनचिट, संचालक ने ड्रग विभाग पर लगाये गंभीर आरोप
आगरा-:
ताजनगरी के माधव ड्रग हाउस को कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई है. जिसके बाद माधव ड्रग हाउस के संचालक ने एक प्रेस वार्ता कर ड्रग विभाग पर उन्हें अनावश्यक परेशान करने और बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया है. और साथ ही उनसे ड्रग विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा लाखों रुपए की चौथ मांगने का भी आरोप लगाया है.
फर्म पर कई आरोप लगाए गए थे
आपको बता दें थाना कोतवाली के सामने गोगिया मार्केट में माधव ड्रग हाउस के नाम से फर्म संचालित है. दवाइयों में गड़बड़ी और जीएसटी में घोटाले का आरोप लगाते हुए 17 जुलाई 2021 को ड्रग विभाग की टीम द्वारा छापामार कार्रवाई की गई थी. इस मामले में लंबे समय तक कार्रवाई चली थी और फर्म पर कई आरोप लगाए गए थे.
नवीन अरोड़ा ने एक प्रेस वार्ता के माध्यम से उनके खिलाफ कार्रवाई करने वाले ड्रग विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप
माधव ड्रग हाउस पर कार्रवाई के बाद यह मामला कोर्ट में चला गया. जहां पर राहत मिलने के बाद माधव ड्रग हाउस फर्म के संचालक नवीन अरोड़ा ने एक प्रेस वार्ता के माध्यम से उनके खिलाफ कार्रवाई करने वाले ड्रग विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि उनकी फर्म को जानबूझकर बदनाम किया गया जिससे उनकी न केवल उनकी प्रतिष्ठा पर दांव लग गया बल्कि उनके कारोबार को करोड़ों का नुकसान हुआ. नवीन अरोड़ा ने यह सवाल उठाया कि सच्चाई की जीत हो गई लेकिन क्या इस लड़ाई को लड़ने में उन्होंने जो कुछ खोया है उसे ड्रग विभाग वापस दे सकता है.
कोल्ड रूम में रखे 122 इंजेक्शन को उबलते हुए दर्शाया गया
कमला नगर के एक होटल में आयोजित की गई प्रेस वार्ता में माधव ड्रग हाउस के संचालक नवीन अरोड़ा ने बताया कि ड्रग विभाग के अधिकारियों ने जानबूझकर उनका व्यापारिक कैरियर बर्बाद करने की कहानी रची. कोल्ड रूम में रखे 122 इंजेक्शन को उबलते हुए दर्शाया गया. जब कोर्ट में उनको खोला गया तो 122 इंजेक्शन में से सिर्फ 91 इंजेक्शन ही दिखाए गए और वह भी आइस पैक के साथ मौजूद थे. जब कोर्ट ने ड्रग टीम के अधिकारियों से इस संबंध में सवाल किया तो वह कोई भी जवाब नहीं दे सके. सुनवाई के दौरान ड्रग विभाग की टीम ने कोर्ट से इसके लिए लिखित में माफी भी मांगी.
नवीन अरोड़ा ने आरोप लगाया कि कार्रवाई के दौरान कंप्यूटर से डाटा मिलान के लिए ड्रग विभाग की टीम ने एक हैकर का सहारा लिया था. कंप्यूटर का विवरण निकालकर यह दिखाया गया कि उन्होंने जीएसटी की नियमावली का पालन नहीं किया जबकि जांच में यह सब फर्जी निकला.
कोर्ट में नवीन अरोड़ा का पक्ष रख रहे उनके वकील राहुल राठौर ने बताया कि जिस तरह से इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया. और अधिकारियों द्वारा जानबूझकर हमें फंसाने के लिए जो आरोप लगाए गए थे वे सभी बेबुनियाद निकले.
कार्रवाई से पहले विभाग के अधिकारियों द्वारा मुझसे लाखों रुपए की चौथ मांगी गई थी
माधव ड्रग हाउस के संचालक नवीन अरोड़ा ने बताया कि ड्रग विभाग ने यह सब कार्रवाई इसलिए की है क्योंकि मैंने उन्हें चौथ नहीं दी थी. कार्रवाई से पहले विभाग के अधिकारियों द्वारा मुझसे लाखों रुपए की चौथ मांगी गई थी. लेकिन जब मैंने उसके लिए मना कर दिया गया तो षड्यंत्र रच कर मेरी फर्म के खिलाफ यह कार्रवाई की गई.