प्रोफेसर डॉ. योगेन्द्र यादव (गुरुजी)
पर्यावरणविद, शिक्षाविद,
भाषाविद,विश्लेषक, गांधीवादी/समाजवादी चिंतक,
पत्रकार, नेचरोपैथ व ऐक्टविस्ट
एक बार फिर संसद बेवजह की बहस में उलझ गई
एक बार फिर संसद बेवजह की बहस में उलझ गई। कांग्रेस नेता द्वारा राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नी कहने के मामले ने तूल पकड़ लिया। जिसके बाद जो कुछ हुआ। वह संसदीय इतिहास में बेहद शर्मनाक कहा जा सकता है। इस संबंध में कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख कर विशेषाधिकार समिति को भेजने की मांग की। इस पर पार्टी के 20 से अधिक सांसदों के हस्ताक्षर हैं। उन्होने कहा कि सत्तारूढ़ दल द्वारा उनकी पार्टी अध्यक्ष के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया।
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत भारतीय जनता पार्टी के कई सांसदों एवं मंत्रियों ने कांग्रेस का किया विरोध
ऐसे सांसदों को लोकसभा से निलंबित किया जाए। लोकसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत भारतीय जनता पार्टी के कई सांसदों एवं मंत्रियों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ अमर्यादित और अपमानजनक व्यवहार किया तथा ऐसी स्थिति पैदा कर दी गई थी कि उन्हें चोट लग सकती थी।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहने को लेकर भाजपा सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा किया और सोनिया गांधी से माफी की मांग की। उनका कहना है कि एक चैनल से बातचीत में उनके मुंह से एक बार चूकवश यह शब्द निकल गया था, लेकिन भाजपा इसे तिल का ताड़ बना रही है। सोनिया गांधी , भाजपा सांसद रमा देवी से बात कर रही थीं।
स्मृति ईरानी ने उन्हें घेरकर बड़े ही अपमानजनक लहजे में उनको अपशब्द कहे। जब सोनिया गांधी ने उनसे शालीनता से कहा कि मैं आपसे बात नहीं कर रही हूँ, मैं दूसरी सांसद से बात कर रही हूँ। तो स्मृति ईरानी चिल्लाकर बोली कि आप जानती नहीं कि मैं कौन हूँ? इस पर कांग्रेस सांसदों ने यह सवाल उठाया कि यह कौन सी मर्यादा है? क्या एक सांसद दूसरे सांसद से बात भी नहीं कर सकती? स्मृति ईरानी राजनीतिक तरीके से अपनी बात रख सकती हैं।
वे एक वरिष्ठ सांसद और एक पार्टी की अध्यक्ष के साथ इस तरह के रवैए पर क्यों उतारू हैं?
वे एक वरिष्ठ सांसद और एक पार्टी की अध्यक्ष के साथ इस तरह के रवैए पर क्यों उतारू हैं? राजनीतिक विरोध अपनी जगह है। लेकिन क्या किसी वरिष्ठ सांसद के साथ इस तरह का व्यवहार जायज है? लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने संसद परिसर में कहा कि अधीर रंजन चौधरी पहले ही माफी मांग चुके हैं। अगर भाजपा सदस्य हमसे अपेक्षा करते हैं कि महिला नेता और राष्ट्रपति का सम्मान करें, तो उन्होंने ऐसा व्यवहार क्यों किया ? सोनिया जी के साथ जो व्यवहार हुआ, वह ठीक नहीं है। भाजपा के लोग सोचते हैं कि सोनिया डर जाएंगी तो यह उनकी भूल है। सोनिया गांधी एक निडर और शालीन नेता हैं।
वह स्वयं भाजपा की महिला सांसदों के पास गईं और बहुत शालीन तरीके से बातचीत करना चाहती थीं। लेकिन उनकी शालीनता के उत्तर में भाजपा सांसदों द्वारा बहुत बुरा व्यवहार किया गया। भाजपा सांसदों और मंत्रियों ने उन्हें चारों तरफ से घेरकर ऐसा माहौल बनाया जिसमें उन्हें चोट पहुंच सकती थी।
जेंडर के चक्रव्यूह में खो जाने का कोई मतलब नहीं है
महिला सांसदों ने तो आपत्तिजनक व्यवहार किया ही, पुरूष सांसदों ने भी आपत्तिजनक बातें और व्यवहार किया। भाजपा सांसदों ने संसद के भीतर जो किया, उससे उनकी भीड़ वाली मानसिकता प्रदर्शित होती है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस सांसद ज्योत्सना चरणदास ने कहा कि सोनिया जी भाजपा की महिला सांसद से बात करना चाहती थीं और उनके पास गईं। इसी बीच, वहां स्मृति ईरानी आ गईं और अंगुली दिखा-दिखा कर ऐसी बातें की जो अपमानजनक हैं। सोनिया पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी हैं, देश की वरिष्ठ नेता हैं और बहुत वरिष्ठ सांसद हैं। उनके साथ यह व्यवहार देखकर दुख हुआ।
इसके लिए प्रधानमंत्री जी को माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि स्मृति ईरानी और कई अन्य भाजपा सांसदों ने जिस तरह से बर्ताव किया है, वह बहुत दुखद है। हमने किसी तरह वहां से सोनिया को बाहर निकाला। इसके लिए प्रधानमंत्री और स्मृति ईरानी को माफी मांगनी चाहिए।
अधीर रंजन चौधरी के राष्ट्रपत्नी के बयान पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि महिला हो या पुरुष अगर कोई भी संवैधानिक पद पर आसीन है, वह समान रूप से माननीय है। उसे और उसके पद को सम्मान देना ही चाहिए। विशेष पद पर बैठा व्यक्ति, उसी पद के अनुरूप हो जाता है।
जेंडर के चक्रव्यूह में खो जाने का कोई मतलब नहीं है। इस प्रकरण को केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने दूसरा ही रुख देने की कोशिश की। उन्होने कहा कि उनकी पार्टी ने राष्ट्रपति के बारे में की गई टिप्पणी के लिए माफी नहीं मांगी। उन्होंने गुमराह किया और उन्होंने बाकी सांसदों के लिए धमकाने वाले अंदाज में बात की। एक तो वे माफी नहीं मांग रहीं, बल्कि धमका रही हैं।
सोनिया गांधी बाहर आएं और गरिमामय तरीके से माफी मांगें। इस मामले पर भारतीय युवा कांग्रेस ने ईरानी के आवास के निकट प्रदर्शन किया तो महिला कांग्रेस ने भाजपा कार्यालय के निकट ईरानी का पुतला फूंका।
ऐसा लगता है कि महंगाई, अग्निपथ, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर विपक्ष के ताबड़तोड़ हमले झेल रही सरकार बचने के लिए इसे अपनी रणनीति का हिस्सा बना कर अंजाम दिया है। लेकिन उसे यह नहीं मालूम था कि उसका यह कदम उसके लिए जनता के मन में दुर्भाव पैदा कर देगा।